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नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र (Winter Session 2025) शुरू होने से ठीक पहले दिल्ली का सियासी पारा चढ़ गया है। 25 नवंबर को मोदी सरकार ने एक सर्वदलीय बैठक (All-Party Meeting) बुलाई है, जिसमें सत्र के एजेंडे पर चर्चा होगी। लेकिन, जिस तरह के संकेत विपक्ष की तरफ से मिल रहे हैं, उससे साफ है कि यह सत्र काफी हंगामेदार रहने वाला है।
सरकार की कोशिश है कि इस सत्र में 'वक्फ बोर्ड संशोधन बिल' और 'वन नेशन वन इलेक्शन' जैसे महत्वपूर्ण विधेयकों को पास कराया जाए। वहीं, विपक्ष ने दिल्ली ब्लास्ट (सुरक्षा), महंगाई और जातीय जनगणना जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने का पूरा प्लान तैयार कर लिया है।
एजेंडे में क्या है सबसे खास?
इस बार शीतकालीन सत्र में कुल 15 से ज्यादा बिल पेश किए जाने की संभावना है, लेकिन सबकी नज़रें इन 3 मुद्दों पर टिकी हैं:
- वक्फ बोर्ड संशोधन बिल (Waqf Board Amendment Bill):
यह इस सत्र का सबसे विवादित बिल माना जा रहा है। सरकार वक्फ बोर्ड की शक्तियों को सीमित करने और इसमें पारदर्शिता लाने के लिए संशोधन करना चाहती है। कांग्रेस, टीएमसी और समाजवादी पार्टी सहित पूरा 'इंडिया गठबंधन' इसका कड़ा विरोध कर रहा है। उनका आरोप है कि सरकार इसके जरिए धार्मिक मामलों में दखल दे रही है।
- वन नेशन वन इलेक्शन (One Nation One Election):
कोविंद कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद, चर्चा है कि सरकार इस सत्र में इस पर कोई बड़ा कदम उठा सकती है। अगर ऐसा हुआ, तो संसद में भारी संग्राम देखने को मिलेगा।
- दिल्ली ब्लास्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा: हाल ही में लाल किले के पास हुए कार धमाके (10 नवंबर) और डॉ. उमर नबी के टेरर मॉड्यूल के खुलासे के बाद, विपक्ष गृह मंत्रालय से जवाब मांग सकता है। सुरक्षा में चूक को लेकर संसद में तीखी बहस होने के आसार हैं।
विपक्ष की रणनीति: 'सरकार को घेरेंगे'
कांग्रेस अध्यक्ष ने साफ कर दिया है कि वे महंगाई, बेरोजगारी और दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था पर सरकार से जवाब मांगेंगे। विपक्ष का कहना है कि "जब देश की राजधानी ही सुरक्षित नहीं है, तो सरकार क्या कर रही है?"
इसके अलावा, इथियोपिया ज्वालामुखी की राख से दिल्ली में हुए प्रदूषण और उड़ानें रद्द होने के मुद्दे को भी जलवायु परिवर्तन (Climate Change) की बहस में उठाया जा सकता है।
सरकार का 'मास्टरस्ट्रोक' प्लान
सूत्रों के अनुसार, मोदी सरकार विपक्ष के हंगामे के बीच भी अपना विधायी कार्य (Legislative Business) पूरा करने की रणनीति बना चुकी है। संसदीय कार्य मंत्री ने सभी दलों से सहयोग की अपील की है, लेकिन साथ ही यह संकेत भी दिया है कि "राष्ट्रीय हित के बिलों पर कोई समझौता नहीं होगा।"
विश्लेषण: क्यों खास है यह सत्र?
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह शीतकालीन सत्र 2025 के आगामी विधानसभा चुनावों की दिशा तय करेगा। अगर सरकार 'वक्फ बिल' पास कराने में सफल रहती है, तो यह उसकी बड़ी वैचारिक जीत होगी। दूसरी तरफ, अगर विपक्ष 'दिल्ली ब्लास्ट' और सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार को बैकफुट पर ला पाता है, तो यह उनकी मजबूती दिखाएगा।
कुल मिलाकर, संसद के दोनों सदनों में अगले कुछ हफ्ते आरोप-प्रत्यारोप और सियासी शोरगुल से भरे रहने वाले हैं। जनता की नज़र इस बात पर होगी कि क्या उनके मुद्दों पर चर्चा होगी या सिर्फ हंगामा होगा।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q: संसद का शीतकालीन सत्र कब शुरू होगा? A: संसद का शीतकालीन सत्र आमतौर पर नवंबर के आखिरी सप्ताह या दिसंबर के पहले सप्ताह में शुरू होता है।
Q: वक्फ बोर्ड बिल क्या है? A: इस बिल के जरिए केंद्र सरकार वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन, रजिस्ट्रेशन और बोर्ड के अधिकारों में बदलाव करना चाहती है, ताकि पारदर्शिता बढ़ाई जा सके।
Q: सर्वदलीय बैठक क्यों बुलाई जाती है? A: सत्र शुरू होने से पहले सरकार सभी पार्टियों के नेताओं को बुलाकर सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए सहयोग मांगती है।
डिस्क्लेमर: इस पोस्ट में इस्तेमाल की गई सभी तस्वीरें AI (Artificial Intelligence) द्वारा बनाई गई हैं और केवल प्रतीकात्मक (Representational) उद्देश्य के लिए हैं।

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