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उनके निधन
की खबर से
राजनीतिक गलियारों में शोक
की लहर दौड़
गई है। प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री
अमित शाह और
रक्षा मंत्री राजनाथ
सिंह समेत कई
वरिष्ठ नेताओं ने उनके
निधन पर गहरा
दुख व्यक्त किया
है।
1. एम्स में
ली अंतिम सांस:
क्या हुआ था?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्वराज कौशल को आज सुबह सीने में तेज दर्द (Chest Pain) की शिकायत हुई थी।
- इलाज: उन्हें तुरंत नई दिल्ली स्थित एम्स (AIIMS) के इमरजेंसी वॉर्ड में ले जाया गया।
- निधन: डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन दोपहर को उन्होंने अंतिम सांस ली। प्राथमिक तौर पर निधन का कारण हार्ट अटैक (Heart Attack) बताया जा रहा है।
- अंतिम संस्कार: उनका अंतिम संस्कार आज (4 दिसंबर) शाम 4:30 बजे लोधी रोड श्मशान घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया।
2. देश के
सबसे युवा राज्यपाल:
एक शानदार करियर
स्वराज कौशल सिर्फ सुषमा स्वराज के पति ही नहीं थे, बल्कि उनकी अपनी एक बहुत ही प्रभावशाली पहचान थी।
- यंगेस्ट गवर्नर: 1990 में, महज 37 साल की उम्र में, उन्हें मिजोरम का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। यह भारत के इतिहास में एक रिकॉर्ड है वे देश के सबसे कम उम्र के राज्यपाल बने थे।
- शांति वार्ता: मिजोरम में शांति स्थापित करने में उनकी भूमिका ऐतिहासिक थी। उन्होंने मिजो विद्रोही नेता लालडेंगा के साथ सरकार की बातचीत में मध्यस्थता की थी, जिसके बाद मिजोरम शांति समझौता हुआ था।
3. बेटी बांसुरी
स्वराज का भावुक
संदेश
स्वराज कौशल
के निधन के
बाद उनकी बेटी
और नई दिल्ली
से भाजपा सांसद
बांसुरी स्वराज (Bansuri Swaraj) ने सोशल
मीडिया पर एक
भावुक पोस्ट शेयर
किया।
उन्होंने
लिखा: "पापा... आप अब माँ
(सुषमा स्वराज) के पास चले
गए हैं। आपका जाना
मेरे लिए एक ऐसा
खालीपन है जो कभी
नहीं भरेगा। आपने मुझे कानून,
राजनीति और जीवन के
जो पाठ पढ़ाए, वो
हमेशा मेरे साथ रहेंगे।"
4. सुषमा स्वराज
के साथ अटूट
रिश्ता
स्वराज कौशल और सुषमा स्वराज की जोड़ी भारतीय राजनीति की सबसे सम्मानित जोड़ियों में से एक थी।
- विवाह: दोनों की शादी 1975 में हुई थी। दोनों ही पेशे से वकील थे और सुप्रीम कोर्ट में साथ काम करते थे।
- सपनों का साथी: जब सुषमा स्वराज राजनीति में ऊंचाइयां छू रही थीं, तब स्वराज कौशल हमेशा उनके पीछे एक मजबूत स्तंभ की तरह खड़े रहे। 2019 में सुषमा स्वराज के निधन के बाद वे काफी अकेले हो गए थे और अक्सर सोशल मीडिया पर उनकी यादें साझा करते रहते थे।
5. एक सांसद और वकील के रूप में योगदान
- राज्यसभा सांसद: स्वराज कौशल
1998 से 2004 तक हरियाणा
से राज्यसभा सांसद
भी रहे।
- सुप्रीम कोर्ट के वकील: वे
एक बहुत ही
नामी क्रिमिनल लॉयर
थे। आपातकाल (Emergency) के
दौरान उन्होंने जॉर्ज
फर्नांडिस का केस
लड़ा था, जिसने
उन्हें देशभर में शोहरत दिलाई
थी।
6. प्रधानमंत्री मोदी
का शोक संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी ने X (ट्विटर)
पर लिखा:
"स्वराज कौशल जी के
निधन से अत्यंत दुखी
हूँ। वे एक प्रख्यात
वकील और एक बेहतरीन
प्रशासक थे। मिजोरम के
राज्यपाल के रूप में
उनका कार्यकाल और पूर्वोत्तर में
शांति के लिए उनके
प्रयास हमेशा याद रखे जाएंगे।
इस दुख की घड़ी
में मेरी संवेदनाएं बांसुरी
और उनके परिवार के
साथ हैं। ओम शांति।"
निष्कर्ष: एक
युग का अंत
स्वराज कौशल का जाना न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि देश के लिए भी एक बड़ी क्षति है। वे उन विरले लोगों में से थे जिन्होंने राजनीति, कानून और प्रशासन—तीनों क्षेत्रों में अपनी अमिट छाप छोड़ी। आज वे अपनी जीवन संगिनी सुषमा स्वराज के पास अनंत यात्रा पर चले गए हैं, लेकिन उनकी विरासत उनकी बेटी और उनके कार्यों के रूप में हमेशा जीवित रहेगी।
डिस्क्लेमर: इस पोस्ट में इस्तेमाल की गई सभी तस्वीरें AI (Artificial Intelligence) द्वारा बनाई गई हैं और केवल प्रतीकात्मक (Representational) उद्देश्य के लिए हैं।

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