राँची: टेस्ट सीरीज में मिली निराशाजनक हार के बाद टीम इंडिया ने वनडे फॉर्मेट में शानदार वापसी की है। पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के गृह नगर राँची के जेएससीए (JSCA) इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए पहले वनडे मुकाबले में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 17 रनों से हराकर तीन मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है।
यह मैच
किसी रोलर-कोस्टर
राइड से कम
नहीं था। एक
समय जहाँ विराट
कोहली और रोहित
शर्मा की बल्लेबाजी ने
भारत को पहाड़
जैसा स्कोर दिया,
वहीं दूसरी ओर
दक्षिण अफ्रीका के
निचले क्रम ने
मैच को अंतिम
ओवर तक खींचकर
भारतीय फैंस की
सांसे रोक दी
थीं। लेकिन अंततः
भारतीय गेंदबाजों का
संयम काम आया
और टीम इंडिया
ने जीत का
स्वाद चखा।
टॉस और टीम इंडिया
की आक्रामक शुरुआत
दक्षिण अफ्रीका के
कप्तान एडेन मार्कराम ने
टॉस जीतकर पहले
गेंदबाजी का फैसला किया,
जो शुरुआत में
सही साबित होता
नहीं दिखा। भारतीय
कप्तान रोहित शर्मा
और युवा यशस्वी
जायसवाल ने पारी की
शुरुआत की। हालांकि जायसवाल जल्दी
आउट हो गए,
लेकिन इसके बाद
मैदान पर जो
हुआ, उसने राँची
के दर्शकों को
झूमने पर मजबूर
कर दिया।
'हिटमैन' का शो: रोहित शर्मा ने अपने चिर-परिचित अंदाज में बल्लेबाजी की। उन्होंने 51 गेंदों में 57 रन बनाए, जिसमें 3 गगनचुंबी छक्के शामिल थे। अपनी इस पारी के दौरान उन्होंने वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा छक्के लगाने के मामले में शाहिद अफरीदी के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया और वन डे क्रिकेट में सबसे ज़्यादा छक्के लगाने वाले बल्लेबाज़ बन गए है।
विराट कोहली: द रन मशीन की वापसी
रोहित के
आउट होने के
बाद जिम्मेदारी विराट
कोहली के कंधों
पर थी, और
उन्होंने निराश नहीं किया।
कोहली ने 120 गेंदों
में 135 रनों की मैराथन पारी
खेली।
- 52वां
शतक: यह विराट कोहली का वनडे करियर का 52वां और कुल 83वां अंतरराष्ट्रीय
शतक था।
- क्लासिक शॉट्स: अपनी पारी में उन्होंने
12 चौके और 4 छक्के लगाए। स्पिनरों के खिलाफ उनके फुटवर्क और पेसर्स के खिलाफ उनकी टाइमिंग देखने लायक थी।
- साझेदारी: रोहित और कोहली के बीच हुई 136 रनों की साझेदारी
ने भारत के लिए 350 के करीब पहुँचने की नींव रखी।
मध्यक्रम में
केएल राहुल ने
भी बहती गंगा
में हाथ धोए
और 56 गेंदों में
60 रनों की
तेजतर्रार पारी खेलकर भारत
को 349/8 के विशाल स्कोर
तक पहुँचाया।
दक्षिण
अफ्रीका की खराब शुरुआत और जबर्दस्त पलटवार
350
रनों के लक्ष्य
का पीछा करने
उतरी दक्षिण अफ्रीकी टीम
की शुरुआत किसी
बुरे सपने जैसी
रही।
- हर्षित राणा का कहर: भारतीय तेज गेंदबाज हर्षित राणा ने शुरुआती ओवरों में ही दक्षिण अफ्रीका की कमर तोड़ दी। उन्होंने
रयान रिकलटन और क्विंटन डी कॉक को सस्ते में पवेलियन भेज दिया।
- 11/3 का
स्कोर: एक समय दक्षिण अफ्रीका का स्कोर 11 रन पर 3 विकेट था और ऐसा लग रहा था कि भारत यह मैच
100-150 रनों से जीतेगा।
लेकिन क्रिकेट अनिश्चितताओं का
खेल है। मैथ्यू
ब्रेट्ज़के (72 रन) और टोनी
डी ज़ोरज़ी (39 रन)
ने पारी को
संभाला। इसके बाद जो
हुआ, उसने भारतीय
गेंदबाजों के पसीने छुड़ा
दिए।
मार्को
जानसेन और कॉर्बिन बॉश का तूफ़ान
जब भारत
जीत के प्रति
आश्वस्त दिख रहा था,
तब दक्षिण अफ्रीका के
ऑलराउंडर मार्को जानसेन ने
मैदान पर कोहराम
मचा दिया।
- जानसेन का धमाका: जानसेन ने महज 26 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया और कुल 70
रन (39 गेंद) बनाए। उनके छक्कों ने भारतीय खेमे में खलबली मचा दी।
- बॉश की लड़ाई: जानसेन के आउट होने के बाद कॉर्बिन बॉश (67 रन) ने मोर्चा संभाला और मैच को आखिरी ओवर तक ले गए।
टर्निंग
पॉइंट: कुलदीप यादव का जादुई ओवर
इस हाई-वोल्टेज मैच का सबसे
बड़ा टर्निंग पॉइंट
34वां ओवर साबित
हुआ। जब जानसेन
और ब्रेट्ज़के भारतीय
गेंदबाजी की धज्जियां उड़ा
रहे थे, तब
कप्तान राहुल ने
गेंद कुलदीप यादव
को थमाई।
- दोहरी सफलता: कुलदीप ने एक ही ओवर में सेट बल्लेबाज
मैथ्यू ब्रेट्ज़के और खतरनाक दिख रहे मार्को जानसेन को आउट कर मैच का पासा पूरी तरह पलट दिया।
- कुलदीप का स्पेल: उन्होंने
अपने 10 ओवरों में 68 रन देकर 4 महत्वपूर्ण विकेट झटके। अगर कुलदीप ने वो विकेट न
लिए होते, तो शायद मैच का नतीजा कुछ और होता।
आखिरी ओवर का रोमांच:
प्रसिद्ध कृष्णा का संयम
मैच अंतिम
ओवर में पहुँच
गया जहाँ दक्षिण
अफ्रीका को जीत के
लिए 18 रनों की
दरकार थी और
उनके हाथ में
सिर्फ 1 विकेट था।
क्रीज पर सेट
बल्लेबाज कॉर्बिन बॉश थे। गेंद
प्रसिद्ध कृष्णा के हाथों
में थी। पहली
गेंद डॉट रही।
दूसरी गेंद पर
बॉश ने बड़ा
शॉट खेलने की
कोशिश की, लेकिन
वे बाउंड्री पर
लपके गए। इसी
के साथ दक्षिण
अफ्रीका की पारी 332 रनों पर
सिमट गई और
भारत ने 17 रनों
से मैच जीत
लिया।
मैच विश्लेषण:
भारत के लिए क्या सही रहा और क्या गलत?
सकारात्मक पक्ष (Positives):
- विराट की फॉर्म: कोहली का शतक इस बात का सबूत है कि वे अभी भी वनडे के बेताज बादशाह हैं।
- कुलदीप की फिरकी: बीच के ओवरों में विकेट निकालने की उनकी कला ने एक बार फिर भारत को बचाया।
- बल्लेबाजी की गहराई: टॉप ऑर्डर के साथ-साथ मिडिल ऑर्डर (राहुल/जडेजा) का योगदान भी महत्वपूर्ण
रहा।
चिंता के विषय (Concerns):
- डेथ ओवर बॉलिंग: अंतिम 10 ओवरों में भारतीय गेंदबाजों
ने काफी रन लुटाए। 11/3 होने के बावजूद विपक्षी टीम का 332 तक पहुँचना चिंताजनक है।
- अतिरिक्त रन: भारत ने एक्स्ट्रा
के रूप में भी कुछ रन दिए, जिन पर लगाम लगानी होगी।
निष्कर्ष:
रायपुर में सीरीज सील करने का मौका
इस जीत ने टेस्ट सीरीज की कड़वी यादों को कुछ हद तक धुंधला कर दिया है। 1-0 की बढ़त के साथ टीम इंडिया अब रायपुर (दूसरे वनडे) में सीरीज सील करने के इरादे से उतरेगी। दक्षिण अफ्रीका ने हार के बावजूद जिस तरह का जज्बा दिखाया, उससे साफ है कि यह सीरीज एकतरफा नहीं होने वाली। फैंस को आने वाले मैचों में भी ऐसे ही रोमांचक मुकाबलों की उम्मीद रहेगी।
डिस्क्लेमर: इस पोस्ट में इस्तेमाल की गई सभी तस्वीरें AI (Artificial Intelligence) द्वारा बनाई गई हैं और केवल प्रतीकात्मक (Representational) उद्देश्य के लिए हैं।

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