Rouse Avenue Court order regarding Sonia Gandhi 1980 voter list and citizenship controversy asking for Delhi Police report
AI Generated Image
नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र के बीच गांधी परिवार के लिए एक बड़ी कानूनी मुसीबत खड़ी हो गई है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ एक पुराने लेकिन बेहद गंभीर मामले में संज्ञान लिया है।

मामला नागरिकता (Citizenship) और वोटर लिस्ट (Voter List) में कथित फर्जीवाड़े से जुड़ा है। विशेष न्यायाधीश विशाल गोग्ने (Judge Vishal Gogne) की अदालत ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर पूछा है कि इस मामले में अब तक क्या जांच हुई है? कोर्ट ने पुलिस से जल्द से जल्द 'एक्शन टेकन रिपोर्ट' (ATR) दाखिल करने को कहा है।

1. अदालत में आज क्या हुआ?

आज राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान जज विशाल गोग्ने ने मामले की गंभीरता को समझा। याचिकाकर्ता ने दलील दी कि सोनिया गांधी ने भारतीय नागरिकता हासिल करने से पहले ही वोटर लिस्ट में अपना नाम दर्ज करवा लिया था, जो कानूनन अपराध है।

अदालत ने दिल्ली पुलिस के रवैये पर सवाल उठाते हुए पूछा कि जब शिकायत पहले दी जा चुकी थी, तो अब तक जांच पूरी क्यों नहीं हुई? कोर्ट ने पुलिस से सख्ती से "स्टेटस रिपोर्ट" तलब की है। इसका सीधा मतलब है कि पुलिस को अब लिखित में जवाब देना होगा कि उन्होंने सोनिया गांधी के खिलाफ जांच की या नहीं।

2. 1980, 1982 और 1983: तारीखों का यह जाल क्या है?

इस केस की पूरी बुनियाद तारीखों की 'क्रोनोलॉजी' (Chronology) पर टिकी है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में जो सबूत रखे हैं, वे तीन प्रमुख बिंदुओं पर आधारित हैं:

  1. साल 1980: आरोप है कि सोनिया गांधी का नाम नई दिल्ली की वोटर लिस्ट में दर्ज पाया गया। उस समय वे इटली की नागरिक थीं।
  2. साल 1982 (अहम मोड़): याचिकाकर्ता का सबसे बड़ा दावा यह है कि 1982 में यह नाम वोटर लिस्ट से डिलीट (हटाया) भी गया था। इसका मतलब है कि सिस्टम या व्यक्ति को पता था कि यह गलत है।
  3. साल 1983: सोनिया गांधी को आधिकारिक तौर पर भारत की नागरिकता मिली।

याचिकाकर्ता की दलील यह है कि अगर 1982 में नाम हटाया गया था, तो फिर नागरिकता मिलने से पहले ही वोटर लिस्ट में नाम होना "जानबूझकर किया गया कृत्य" दर्शाता है, कि कोई मानवीय भूल।

3. प्रियंका गांधी और कांग्रेस का बचाव

कोर्ट के नोटिस के बाद कांग्रेस पार्टी ने इसे "राजनीतिक प्रतिशोध" (Political Vendetta) बताया है।

  1. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इशारों में कहा है कि सरकार एजेंसियों और पुराने मुद्दों के जरिए गांधी परिवार को परेशान कर रही है।
  2. कांग्रेस के प्रवक्ताओं का तर्क है कि यह 40 साल पुराना मामला है जिसे अब उठाने का कोई औचित्य नहीं है।
  3. उनका कहना है कि "जब नागरिकता मिल चुकी है और वे दशकों से सांसद हैं, तो तकनीकी भूलों को तिल का ताड़ बनाया जा रहा है ताकि असली मुद्दों से ध्यान भटकाया जा सके।"

4. भाजपा का हमला: "कानून से ऊपर कोई नहीं"

दूसरी तरफ, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कोर्ट के कदम का स्वागत किया है। भाजपा का पक्ष निम्नलिखित है:

  1. भाजपा प्रवक्ताओं का कहना है कि संविधान और कानून सबके लिए बराबर है, चाहे वह गांधी परिवार ही क्यों हो।
  2. पार्टी का तर्क है कि अगर किसी सामान्य नागरिक ने ऐसा किया होता, तो क्या पुलिस उसे छोड़ देती?
  3. भाजपा ने सवाल उठाया है कि इतने सालों तक इस मामले को क्यों दबाया गया और अब सच सामने आना ही चाहिए।

5. जन प्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन?

कानूनी रूप से यह मामला जन प्रतिनिधित्व अधिनियम (RP Act), 1950 की धारा 31 के तहत आता है। इसके मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति वोटर बनने के लिए गलत जानकारी देता है या तथ्यों को छिपाता है, तो यह दंडनीय अपराध है।

याचिकाकर्ता का मुख्य जोर इसी बात पर है कि 1980 में जब सोनिया गांधी इटली की नागरिक थीं, तब उन्होंने भारतीय वोटर लिस्ट में नाम कैसे जुड़वाया? क्या उन्होंने अधिकारियों को गुमराह किया था? अब दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट ही इन सवालों का जवाब देगी।

6. आगे क्या होगा?

कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को रिपोर्ट सौंपने के लिए समय दिया है। भविष्य में दो ही रास्ते संभव हैं:

  1. अगर पुलिस अपनी रिपोर्ट में कहती है कि मामला बनता है, तो सोनिया गांधी को बतौर आरोपी कोर्ट में पेश होना पड़ सकता है।
  2. अगर पुलिस 'क्लीन चिट' देती है, तो कोर्ट सबूतों के आधार पर तय करेगा कि केस को बंद करना है या आगे चलाना है।

निष्कर्ष: सियासी पारा चढ़ा

राउज एवेन्यू कोर्ट का यह नोटिस ऐसे समय आया है जब देश में पहले से ही सियासी पारा चढ़ा हुआ है। एक तरफ संसद सत्र और दूसरी तरफ यह कानूनी लड़ाई। अब देखना होगा कि 40 साल पुराने दस्तावेजों का यह जिन्न कांग्रेस के लिए कितनी बड़ी मुसीबत बनता है।

📲 क्या आप देश-दुनिया की खबरें सबसे पहले पाना चाहते हैं? तो अभी हमारे WhatsApp Channel को फॉलो करें और अपडेट रहें।

👉 Join WhatsApp Channel


डिस्क्लेमर: इस पोस्ट में इस्तेमाल की गई सभी तस्वीरें AI (Artificial Intelligence) द्वारा बनाई गई हैं और केवल प्रतीकात्मक (Representational) उद्देश्य के लिए हैं।