Dhurandhar movie box office collection 150 crore in 5 days Ranveer Singh blockbuster success graph vs agenda
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मुंबई: बॉलीवुड के लिए साल 2025 का अंत एक धमाकेदार नोट पर हो रहा है। रणवीर सिंह (Ranveer Singh) अभिनीत फिल्म 'धुरंधर' (Dhurandhar) ने बॉक्स ऑफिस पर वो कर दिखाया है, जिसकी उम्मीद शायद खुद ट्रेड पंडितों को भी नहीं थी। फिल्म ने रिलीज के महज 5 दिनों के भीतर 150 करोड़ रुपये का जादुई आंकड़ा पार कर लिया है।

लेकिन 'धुरंधर' की यह सफलता सिर्फ एक फिल्म की कमाई तक सीमित नहीं है। यह जीत उस 'नैरेटिव' के खिलाफ है, जो सोशल मीडिया पर एक खास वर्ग द्वारा चलाया जा रहा था। यह तमाचा है उस "लेफ्ट लिबरल गैंग" (Left Liberal Gang) और तथाकथित बुद्धिजीवियों के मुंह पर, जिन्होंने फिल्म रिलीज होने से पहले ही इसे फ्लॉप घोषित करने का अभियान छेड़ दिया था।

भारत की जनता ने थिएटर हाउसफुल करके यह संदेश दे दिया है कि अब सिनेमा का फैसला एसी कमरों में बैठे समीक्षक नहीं, बल्कि टिकट खिड़की पर खड़ा आम दर्शक करेगा।

1. 150 करोड़ का जादुई आंकड़ा: कमाई का पूरा गणित

फिल्म ट्रेड एनालिस्ट्स और बॉक्स ऑफिस रिपोर्ट के मुताबिक, 'धुरंधर' ने जिस रफ्तार से कमाई की है, वह ऐतिहासिक है। आइए देखते हैं कि कैसे इस फिल्म ने 5 दिनों में यह पहाड़ जैसा लक्ष्य हासिल किया:

  1. डे 1 (ओपनिंग): फिल्म ने पहले ही दिन 30-35 करोड़ की बंपर ओपनिंग लेकर आलोचकों का मुंह बंद कर दिया था।
  2. वीकेंड का धमाका: शनिवार और रविवार को फिल्म ने जबरदस्त उछाल मारी। रविवार को सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों में 'हाउसफुल' के बोर्ड देखे गए।
  3. सोमवार की परीक्षा (Monday Test): अक्सर फिल्में सोमवार को गिर जाती हैं, लेकिन 'धुरंधर' ने सोमवार और मंगलवार को भी अपनी पकड़ बनाए रखी और 5वें दिन तक कुल कलेक्शन 150 करोड़ के पार पहुंचा दिया।

यह आंकड़े बताते हैं कि फिल्म का 'वर्ड ऑफ माउथ' (Word of Mouth) बहुत पॉजिटिव है। लोग अपने परिवारों के साथ सिनेमाघर जा रहे हैं, जो बॉलीवुड के लिए एक शुभ संकेत है।

2. 'लिबरल गैंग' और 'बायकॉट ब्रिगेड' को क्यों लगी मिर्ची?

'धुरंधर' की सफलता का विश्लेषण तब तक अधूरा है, जब तक हम उस विरोध की बात करें जो रिलीज से पहले खड़ा किया गया था। सोशल मीडिया पर सक्रिय एक विशेष विचारधारा (Left Ecosystem) ने फिल्म के कंटेंट पर सवाल उठाने शुरू कर दिए थे:

  1. आरोप लगाया गया कि फिल्म में "अंध-राष्ट्रवाद" (Hyper-Nationalism) दिखाया गया है और देशभक्ति को ज्यादा ही बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है।
  2. फिल्म के डायलॉग्स को "भड़काऊ" और एक खास विचारधारा से प्रेरित बताया गया, जिसे लिबरल गैंग पचा नहीं पा रहा था।
  3. कुछ समीक्षकों ने इसे "ओल्ड स्कूल" और "रिग्रेसिव" बताकर जानबूझकर 1 या 2 स्टार रेटिंग दी ताकि फिल्म की छवि खराब की जा सके।

3. जनता जनार्दन का फैसला: "कंटेंट ही किंग है"

आम जनता को इन भारी-भरकम शब्दों (Jingoism, Toxic Masculinity) से कोई फर्क नहीं पड़ता। इस फिल्म की सफलता ने साबित किया है कि सोशल मीडिया का शोर और ज़मीनी हकीकत अलग होती है:

  1. बायकॉट गैंग की हार: पिछले कुछ समय से बॉलीवुड की हर फिल्म के खिलाफ 'बायकॉट' ट्रेंड चलाने का फैशन बन गया था। लेकिन 'धुरंधर' ने साबित कर दिया है कि अगर फिल्म में दम है, तो कोई भी नेगेटिव ट्रेंड उसे रोक नहीं सकता।
  2. आलोचकों (Critics) की विश्वसनीयता पर सवाल: आज के दौर में बड़े-बड़े फिल्म क्रिटिक्स की राय और जनता की राय में जमीन-आसमान का अंतर गया है। क्रिटिक्स जिसे 'कचरा' कहते हैं, जनता उसे 'ब्लॉकबस्टर' बना देती है।
  3. असली भारत की पसंद: लिबरल गैंग यह समझने में नाकाम रहा कि भारत अब बदल चुका है। जो फिल्म "भारत" की बात करेगी, उसे दर्शक सिर आंखों पर बिठाएंगे, और जो एजेंडा चलाएगा, उसे खारिज कर दिया जाएगा।

4. रणवीर सिंह की दमदार वापसी: आलोचकों को जवाब

रणवीर सिंह के लिए यह फिल्म 'करो या मरो' की स्थिति थी। 'सर्कस' और '83' जैसी फिल्मों के बॉक्स ऑफिस पर संघर्ष करने के बाद, कई लोगों ने यह कहना शुरू कर दिया था कि रणवीर का स्टारडम खत्म हो रहा है। लेकिन 'धुरंधर' ने सबकुछ बदल दिया:

  1. दर्शकों का कहना है कि स्क्रीन पर रणवीर की एनर्जी देखने लायक है और उन्होंने आलोचकों को अपनी एक्टिंग से जवाब दिया है।
  2. यह फिल्म साबित करती है कि रणवीर सिंह इस जनरेशन के सबसे बड़े सुपरस्टार्स में से एक हैं जो मास ऑडियंस की नब्ज पहचानते हैं।
  3. मास एंटरटेनर (Mass Entertainer) के रूप में उनकी यह वापसी उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित होगी।

5. क्या 300-400 करोड़ का क्लब दूर नहीं?

जिस तरह से फिल्म वर्किंग डेज (सोमवार-मंगलवार) में प्रदर्शन कर रही है, ट्रेड एक्सपर्ट्स का मानना है कि 'धुरंधर' का लाइफटाइम कलेक्शन बहुत बड़ा होने वाला है:

  1. फिल्म के पास अभी बॉक्स ऑफिस पर दौड़ने के लिए 2 हफ्ते का साफ समय है, क्योंकि कोई बड़ी फिल्म रिलीज नहीं हो रही।
  2. अगर यह रफ्तार जारी रही, तो अगले वीकेंड तक यह 250 करोड़ और लाइफटाइम 400 करोड़ तक पहुँच सकती है।
  3. विदेशी मार्केट (Overseas) में भी फिल्म अच्छा प्रदर्शन कर रही है, जो ग्लोबल कलेक्शन को और बढ़ाएगा।

निष्कर्ष: बॉलीवुड को मिला नया रास्ता

'धुरंधर' की सफलता बॉलीवुड फिल्म मेकर्स के लिए एक केस स्टडी है। यह बताती है कि आपको "बांद्रा और जुहू" के दर्शकों के लिए नहीं, बल्कि "इंदौर, पटना, जयपुर और वाराणसी" के दर्शकों के लिए फिल्में बनानी होंगी।

जब आप देश की बहुसंख्यक आबादी की भावनाओं का सम्मान करेंगे, तो बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड टूटेंगे। वहीं, अगर आप 'वोक संस्कृति' (Woke Culture) और लिबरल एजेंडे के चक्कर में पड़ेंगे, तो दर्शक आपको नकार देंगे। 'धुरंधर' की यह 150 करोड़ की कमाई सिर्फ कमाई नहीं है, यह उस "एजेंडा गैंग" की हार का प्रमाण पत्र है।

 

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डिस्क्लेमर: इस पोस्ट में इस्तेमाल की गई सभी तस्वीरें AI (Artificial Intelligence) द्वारा बनाई गई हैं और केवल प्रतीकात्मक (Representational) उद्देश्य के लिए हैं।