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इंडिगो
के बोर्ड चेयरमैन
विक्रम मेहता (Vikram Mehta) ने पहली
बार सामने आकर
यात्रियों और कर्मचारियों
से माफी मांगी
है। उन्होंने एक
भावुक संदेश जारी
करते हुए स्वीकार
किया कि जो
कुछ भी हो
रहा है, वह
एयरलाइन के मानकों
के अनुरूप नहीं
है। लेकिन बड़ा
सवाल यह है
कि क्या सिर्फ
'माफी' से उन
हजारों यात्रियों का दर्द
कम हो जाएगा
जो एयरपोर्ट्स पर
घंटों फंसे रहे?
1. चेयरमैन
विक्रम मेहता ने क्या कहा?
लंबे सन्नाटे के बाद, बोर्ड चेयरमैन विक्रम मेहता ने मंगलवार को एक वीडियो संदेश और पत्र के जरिए अपनी बात रखी। उनके संदेश की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
- सार्वजनिक माफी: मेहता ने कहा, "पिछले कुछ दिनों में हमारे यात्रियों को जिस असुविधा का सामना करना पड़ा है, उसके लिए मैं और पूरा बोर्ड तहे दिल से माफी मांगते हैं।"
- कर्मचारियों को संदेश: उन्होंने अपने कर्मचारियों (Pilots/Cabin Crew) का भी हौसला बढ़ाया जो एयरपोर्ट पर नाराज यात्रियों के गुस्से का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह कर्मचारियों की गलती नहीं, बल्कि सिस्टम की विफलता है।
- जांच का वादा: सबसे अहम बात जो उन्होंने कही, वह यह है कि "इस संकट के हर पहलू की गहराई से जांच की जाएगी।" इसका मतलब है कि मैनेजमेंट अब यह पता लगाएगा कि यह तकनीकी खामी थी या किसी की लापरवाही।
2. 9 दिन
का 'नरक': यात्रियों ने क्या झेला?
यह संकट सिर्फ एक दिन का नहीं है। पिछले 9 दिनों से देश के प्रमुख एयरपोर्ट्स (दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु) पर अफरातफरी का माहौल है।
- फ्लाइट्स में देरी: जो फ्लाइट 2 घंटे में पहुंचनी थी, वह 10-10 घंटे लेट हो रही है। कई फ्लाइट्स ऐन मौके पर कैंसिल कर दी गईं।
- भूखे-प्यासे यात्री: सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहे हैं जहां बुजुर्ग और बच्चे एयरपोर्ट के फर्श पर सोने को मजबूर हैं। खाने पीने की कोई भी व्यवस्था न होने पर लोगों का गुस्सा फूटा।
- शादी और मीटिंग्स मिस: कई लोग अपनी जरूरी बिजनेस मीटिंग्स और यहां तक कि शादियों में भी नहीं पहुंच सके। यात्रियों का कहना है कि एयरलाइन ने उन्हें सही जानकारी (Communication) भी नहीं दी।
3. क्या
है असली तकनीकी समस्या?
शुरुआती रिपोर्ट्स में इसे "सिस्टम अपग्रेड" या "सर्वर डाउन" की समस्या बताया गया था। लेकिन जानकारों का मानना है कि मामला उससे कहीं ज्यादा गंभीर है।
- इंडिगो का पूरा रोस्टरिंग सिस्टम (Rostering System), जो पायलट और क्रू की ड्यूटी तय करता है, वह ठप पड़ गया है।
- इसके चलते किस प्लेन को कौन उड़ाएगा, यही तय नहीं हो पा रहा।
- चेयरमैन का यह कहना कि "हर पहलू की जांच होगी", इशारा करता है कि शायद कंपनी के अंदरूनी मैनेजमेंट या सॉफ्टवेयर वेंडर की तरफ से कोई बड़ी चूक हुई है।
4. शेयर
बाजार और DGCA का डंडा
इस संकट का असर अब इंडिगो की कमाई और साख पर भी दिखने लगा है।
- शेयर में गिरावट: पिछले एक हफ्ते में इंडिगो (InterGlobe Aviation) के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई है। निवेशकों को डर है कि कहीं कंपनी का मार्केट शेयर न गिर जाए।
- सरकार की सख्ती: नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) और DGCA ने भी एयरलाइन को फटकार लगाई है और रोजाना रिपोर्ट तलब की है। सरकार ने साफ कहा है कि यात्रियों को रिफंड और मुआवजा (Compensation) तुरंत दिया जाए।
5. क्या
इंडिगो अपनी साख बचा
पाएगी?
इंडिगो
अपनी "On-Time
Performance" (समय
की पाबंदी) के लिए
जानी जाती थी।
यही उसकी सबसे
बड़ी यूएसपी (USP) थी।
लेकिन इस 9 दिन
के संकट ने
सालों की मेहनत
पर पानी फेर
दिया है।
विक्रम
मेहता की माफी
एक अच्छी शुरुआत
है, लेकिन यात्रियों
का भरोसा दोबारा
जीतने में महीनों,
शायद साल भी
लग सकते हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना
है कि एयरलाइन
को जल्द से
जल्द अपना सिस्टम
ठीक करना होगा,
वरना टाटा की
एयर इंडिया और
अन्य कंपनियां इस
मौके का फायदा
उठाने में देर
नहीं करेंगी।
निष्कर्ष:
माफी काफी नहीं, सुधार
चाहिए
'राजनेतिक
रिपोर्ट' का मानना
है कि एक
चेयरमैन का माफी
मांगना जिम्मेदारी दिखाता है,
लेकिन यह समस्या
का समाधान नहीं
है। जब कोई
यात्री टिकट खरीदता
है, तो वह
सिर्फ सीट नहीं,
बल्कि 'भरोसा' खरीदता है।
इंडिगो ने वह
भरोसा तोड़ा है।
अब देखना होगा
कि "जांच" के बाद
क्या सच सामने
आता है और
क्या भविष्य में
ऐसी अव्यवस्था से
बचा जा सकेगा।
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Join WhatsApp Channelडिस्क्लेमर: इस पोस्ट में इस्तेमाल की गई सभी तस्वीरें AI (Artificial Intelligence) द्वारा बनाई गई हैं और केवल प्रतीकात्मक (Representational) उद्देश्य के लिए हैं।

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