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हालांकि, हर
घटना को एक
ही पैटर्न से
जोड़ना जल्दबाजी होगी।
जहां पाकिस्तान में
मारे गए लोग
घोषित आतंकी थे,
वहीं बांग्लादेश और
पश्चिमी देशों के मामलों
में पेचीदगियां अलग
हैं। 18 दिसंबर 2025 को
बांग्लादेशी छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की
मौत ने इस
बहस को फिर
छेड़ दिया है।
इस विशेष
रिपोर्ट में हम 2022 से
अब तक की
प्रमुख घटनाओं का
फैक्ट-चेक (Fact Check)
करेंगे और जानेंगे कि
किन मामलों में
'अज्ञात हमलावरों' का
पैटर्न दिखा और
कहां मामला कुछ
और था।
1.
शुरुआत: जहूर मिस्त्री और आईसी-814 का कनेक्शन (1 मार्च 2022) इस सिलसिले की
पहली बड़ी और
पुख्ता घटना कराची
में हुई थी।
1999 में
इंडियन एयरलाइंस के
विमान IC-814 को हाईजैक करने
वाले पांच आतंकियों में
से एक, जहूर मिस्त्री (Zahoor Mistry)
वहां 'जाहिद अखुंद'
बनकर रह रहा
था। 1 मार्च 2022 को
कराची के अख्तर
कॉलोनी में उसकी
फर्नीचर की दुकान में
घुसकर दो बाइक
सवारों ने उसकी
हत्या कर दी
थी। पाकिस्तान ने
इसे 'कारोबारी रंजिश'
बताया, लेकिन भारतीय
खुफिया एजेंसियों के
लिए यह एक
बड़े दुश्मन का
अंत था। सीसीटीवी फुटेज
होने के बावजूद
पाकिस्तान पुलिस हमलावरों को
पकड़ने में नाकाम
रही थी।
2.
लाहौर में खालिस्तानी नेटवर्क पर हमला (6 मई 2023) जहूर मिस्त्री के
बाद अगला बड़ा
नाम था परमजीत सिंह पंजवड़। वह 'खालिस्तान कमांडो
फोर्स' (KCF) का प्रमुख था
और 1990 से पाकिस्तान में
शरण लिए हुए
था। वह वहां
मलिक सरदार सिंह
के नाम से
रह रहा था।
6 मई 2023 को लाहौर
के जौहर टाउन
में जब वह
अपने गार्ड्स के
साथ सुबह की
सैर कर रहा
था, तब बाइक
सवार हमलावरों ने
उसे गोली मार
दी। यह घटना
दर्शाती है कि पाकिस्तान के
पॉश इलाकों में
भी ये वांटेड
अपराधी सुरक्षित नहीं
थे।
3.
पश्चिमी देशों में विवादित मौतें: निज्जर और खांडा (जून 2023) जून 2023 में दो
घटनाएं हुईं, जिन
पर काफी अंतरराष्ट्रीय विवाद
हुआ। इन दोनों
मामलों को अलग-अलग समझना जरूरी
है। पहली घटना
में, 18 जून 2023 को
कनाडा के सरे
में गुरुद्वारे के
बाहर हरदीप सिंह निज्जर की
गोली मारकर हत्या
कर दी गई।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन
ट्रूडो ने इसके
पीछे भारतीय एजेंट्स का
हाथ होने का
आरोप लगाया, जिसे
भारत ने "बेतुका और
प्रेरित" बताकर खारिज कर
दिया। दूसरी घटना
में, ब्रिटेन में
अमृतपाल सिंह के हैंडलर
अवतार सिंह खांडा की
बर्मिंघम के अस्पताल में
मौत हो गई।
खांडा के समर्थकों ने
दावा किया कि
उसे "जहर" दिया गया था,
लेकिन यूके की
मेडिकल रिपोर्ट्स और
कोरोनर ने पुष्टि
की कि उसकी
मौत 'एक्यूट
माइलॉइड ल्यूकीमिया' (Blood Cancer)
से हुई थी।
इसे 'साजिश' बताना
तथ्यों से परे
है।
4.
साल 2023 का आखिरी दौर: पाकिस्तान में लश्कर और जैश को झटका साल
2023 के
अंत में पाकिस्तान के
भीतर कई आतंकी
कमांडर मारे गए।
इन घटनाओं में
एक स्पष्ट 'पैटर्न'
दिखाई दिया—मोटरसाइकिल सवार
हमलावर और कोई
सुराग नहीं। सबसे
पहले 30 सितंबर
2023 को लश्कर-ए-तैयबा का
संस्थापक सदस्य मुफ्ती कैसर फारूक कराची
में सरेआम मारा
गया। उसके कुछ
दिन बाद, 11 अक्टूबर 2023 को 2016 के पठानकोट हमले
का मास्टरमाइंड शाहिद लतीफ सियालकोट की
एक मस्जिद में
फज्र की नमाज
के वक्त मारा
गया। इसके बाद
5 नवंबर 2023 को सुंजवान हमले
का मास्टरमाइंड ख्वाजा शाहिद पीओके
(PoK) के
पास से अगवा
हुआ और बाद
में उसका सर
कटा शव मिला।
अंत में, 3 दिसंबर 2023 को लश्कर का
खुफिया कमांडर अदनान अहमद उर्फ हंजला कराची
में अपने घर
के बाहर ढेर
हो गया।
5.
बांग्लादेश का ताजा मामला: शरीफ उस्मान हादी (दिसंबर 2025) अब बात करते
हैं सबसे ताजा
घटना की, जिसे
सोशल मीडिया पर
जबरन "पैटर्न" से जोड़ा जा
रहा है। बांग्लादेश में
2024 के
छात्र आंदोलन के
दौरान उभरे नेता
शरीफ उस्मान हादी पर
12 दिसंबर 2025 को ढाका में
जानलेवा हमला हुआ था।
उन्हें इलाज के
लिए सिंगापुर ले
जाया गया, जहां
18 दिसंबर 2025 को उन्होंने दम
तोड़ दिया। हादी
अपनी भारत विरोधी
बयानबाजी
(Anti-India Rhetoric) के
लिए जाने जाते
थे, लेकिन उनकी
हत्या का कनेक्शन बांग्लादेश की
आंतरिक राजनीति से
ज्यादा लगता है।
बांग्लादेश में आगामी चुनावों को
लेकर यूनुस सरकार
और विपक्षी गुटों
में तनाव है।
वहां के जानकारों का
मानना है कि
यह राजनीतिक रंजिश
का मामला है।
हालांकि, उनके समर्थकों ने
भारत पर आरोप
लगाए हैं, लेकिन
इसका कोई भी
ठोस प्रमाण (Evidence) सामने नहीं
आया है। इसे
सीधे तौर पर
पाकिस्तान जैसी घटनाओं से
जोड़ना जल्दबाजी होगी।
6.
पाकिस्तान और विदेशी मीडिया के आरोप इन
हत्याओं को लेकर पाकिस्तान और
कुछ पश्चिमी मीडिया
संस्थानों ने लगातार भारत
पर निशाना साधा
है। ब्रिटिश अखबार
'द गार्डियन' ने अप्रैल
2024 में
एक रिपोर्ट प्रकाशित की
थी, जिसमें दावा
किया गया था
कि भारत सरकार
ने विदेशी धरती
पर दुश्मनों को
खत्म करने की
रणनीति अपनाई है।
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने
भी आरोप लगाया
था कि भारत
'योगेश कुमार' और
'अशोक कुमार' जैसे
नामों से नेटवर्क चला
रहा है। हालांकि, पाकिस्तान इन
दावों को साबित
करने के लिए
कभी कोई विश्वसनीय सबूत
(Public Evidence) पेश
नहीं कर पाया।
7.
भारत का पक्ष: "यह हमारी नीति नहीं" भारत सरकार का
रुख इस मामले
में एकदम स्पष्ट
रहा है। विदेश
मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने
कई बार कहा
है कि "दूसरे देशों
में जाकर टारगेट
किलिंग करना भारत
की विदेश नीति
नहीं है।" भारत का
तर्क है कि
पाकिस्तान आतंकवाद की फैक्ट्री है।
वहां कई तरह
के आतंकी गुट
पल रहे हैं।
फंड, पावर और
संसाधनों के बंटवारे को
लेकर इनके बीच
आपस में ही
गैंगवार (Gang Warfare)
चलती रहती है।
इसके अलावा, स्थानीय विद्रोही गुट
(जैसे सिंधी और
बलूच) भी इन
आतंकियों को निशाना बनाते
हैं। भारत का
कहना है कि
पाकिस्तान अपनी सुरक्षा नाकामियों का
ठीकरा भारत पर
फोड़ना चाहता है।
निष्कर्ष: तथ्यों को समझना जरूरी 2022 से
2025 के
बीच करीब 15-20 ऐसे लोग
मारे गए हैं
जो भारत के
लिए खतरा थे।
यह भारत की
सुरक्षा के लिहाज से
राहत की खबर
जरूर है, लेकिन
हर मौत के
पीछे एक ही
कारण नहीं हो
सकता। पाकिस्तान में
मारे गए लोग
जहां स्पष्ट रूप
से आतंकी थे
और संदिग्ध हमलों
का शिकार हुए,
वहीं खांडा की
मौत बीमारी से
हुई और बांग्लादेश का
मामला राजनीतिक ज्यादा
लगता है। एक
जिम्मेदार पाठक के तौर
पर हमें हर
घटना को उसके
सही संदर्भ (Context) में देखना
चाहिए, न कि
सुनी-सुनाई थ्योरीज पर
विश्वास करना चाहिए।
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Join WhatsApp Channelडिस्क्लेमर: इस पोस्ट में इस्तेमाल की गई सभी तस्वीरें AI (Artificial Intelligence) द्वारा बनाई गई हैं और केवल प्रतीकात्मक (Representational) उद्देश्य के लिए हैं।

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