Sajid Jatt LeT Commander Pahalgam Attack NIA Chargesheet Terrorist Investigation
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नई दिल्ली/श्रीनगर जम्मू-कश्मीर में शांति भंग करने की पाकिस्तानी साजिशों पर भारतीय एजेंसियों ने एक और बड़ा प्रहार किया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पहलगाम के बैसरन वैली में हुए आतंकी हमले के मामले में अपनी चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस चार्जशीट में सबसे चौंकाने वाला नाम लश्कर--तैयबा (LeT) के खूंखार कमांडर साजिद जट्ट का है। NIA ने खुलासा किया है कि साजिद जट्ट ही इस हमले का मुख्य साजिशकर्ता यानी मास्टरमाइंड था, जिसने सीमा पार से बैठकर इस खौफनाक वारदात को अंजाम देने का निर्देश दिया था। यह चार्जशीट केवल पाकिस्तान की भूमिका को बेनकाब करती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे आतंकी संगठन टीआरएफ (TRF) के जरिए कश्मीर में नई भर्तियां और घुसपैठ करा रहे हैं।

आइए, इस चार्जशीट के अहम बिंदुओं और साजिद जट्ट की काली करतूतों को विस्तार से समझते हैं।

1. पहलगाम हमले की खौफनाक साजिश इसी साल अप्रैल 2025 में, कश्मीर के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक, पहलगाम की बैसरन वैली में आतंकियों ने एक कायराना हमला किया था। इस हमले का मकसद केवल सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाना था, बल्कि घाटी में डर का माहौल पैदा करके पर्यटन को ठप करना भी था। NIA की जांच में यह बात सामने आई है कि यह हमला कोई अचानक हुई घटना नहीं थी, बल्कि इसकी योजना पाकिस्तान में बैठे लश्कर के आकाओं ने बहुत बारीकी से तैयार की थी। चार्जशीट के मुताबिक, इस हमले के तार सीधे तौर पर लश्कर--तैयबा और उसके मुखौटा संगठन ' रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) से जुड़े हुए हैं।

2. कौन है मास्टरमाइंड साजिद जट्ट? NIA की चार्जशीट में जिस नाम ने सबसे ज्यादा आकर्षित किया है, वह है साजिद जट्ट। साजिद जट्ट लश्कर--तैयबा का एक शीर्ष कमांडर है, जिसे सैफुल्ला, नुमी और लंगड़ा जैसे कई उपनामों से भी जाना जाता है। भारतीय गृह मंत्रालय ने अक्टूबर 2022 में उसे गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत 'व्यक्तिगत आतंकवादी' घोषित किया था। जांच एजेंसियों के अनुसार, साजिद जट्ट फिलहाल पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में लश्कर के मुख्यालय से अपनी गतिविधियां चला रहा है। वह TRF का ऑपरेशनल चीफ भी है और कश्मीर घाटी में नए युवाओं की भर्ती, टेरर फंडिंग और हथियारों की घुसपैठ कराने की जिम्मेदारी संभालता है।

3. पाकिस्तान से चल रहा था 'रिमोट कंट्रोल' NIA की जांच में पता चला है कि पहलगाम हमले के दौरान साजिद जट्ट लगातार हमलावरों के संपर्क में था। वह एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप्स और अन्य सुरक्षित संचार माध्यमों के जरिए उन्हें निर्देश दे रहा था। उसका काम सिर्फ हमला कराना नहीं था, बल्कि हमलावरों को छिपने की जगह (Hideouts) मुहैया कराना और उन्हें हथियार सप्लाई करना भी था। चार्जशीट में यह भी बताया गया है कि कैसे साजिद जट्ट ने स्थानीय युवाओं को बरगला कर उन्हें इस साजिश का हिस्सा बनाया। उसका मुख्य उद्देश्य भारत के खिलाफ 'छद्म युद्ध' (Proxy War) को जारी रखना है।

4. तीन पाकिस्तानी आतंकी और दो स्थानीय मददगार इस चार्जशीट में साजिद जट्ट के अलावा पांच अन्य लोगों के नाम भी शामिल हैं। इनमें से तीन पाकिस्तानी आतंकवादी थेसुलेमान शाह, हबीब ताहिर उर्फ जिब्रान और हमजा अफगानी। ये तीनों आतंकी इसी साल जुलाई महीने में सुरक्षा बलों के साथ हुई एक मुठभेड़ में मारे गए थे। NIA ने चार्जशीट में इन तीनों को भी आरोपी बनाया है। इसके अलावा, दो स्थानीय नागरिक परवेज अहमद और बशीर अहमद का भी नाम चार्जशीट में है। इन दोनों को 22 जून को गिरफ्तार किया गया था। इन पर आरोप है कि इन्होंने पाकिस्तानी आतंकियों को अपने घर में पनाह दी और उन्हें रसद अन्य मदद पहुंचाई।

5. साजिद जट्ट का पुराना 'क्राइम रिकॉर्ड' यह पहली बार नहीं है जब किसी बड़े आतंकी हमले में साजिद जट्ट का नाम सामने आया है। उसका इतिहास खून से रंगा हुआ है। 2023 में राजौरी के धंगरी में हुए नरसंहार का वह मुख्य साजिशकर्ता था, जिसमें कई निर्दोष नागरिक मारे गए थे। इसके अलावा, मई 2024 में पुंछ में भारतीय वायुसेना (IAF) के काफिले पर हुए हमले और जून 2024 में रियासी में तीर्थयात्रियों की बस पर हुए हमले के पीछे भी उसी का दिमाग था। यह दर्शाता है कि साजिद जट्ट भारतीय सुरक्षा बलों और आम नागरिकों के लिए कितना बड़ा खतरा बन चुका है।

6. किन धाराओं में दाखिल हुई चार्जशीट? NIA ने आरोपियों के खिलाफ बेहद सख्त धाराओं में मामला दर्ज किया है। चार्जशीट में भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की विभिन्न धाराओं के साथ-साथ शस्त्र अधिनियम (Arms Act), 1959 और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA), 1967 की गंभीर धाराएं लगाई गई हैं। इन धाराओं में 'भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना', 'आतंकी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराना' और 'साजिश रचना' जैसे आरोप शामिल हैं। यह मजबूत चार्जशीट सुनिश्चित करेगी कि गिरफ्तार आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले और पाकिस्तान का असली चेहरा दुनिया के सामने आए।

7. घाटी में शांति के लिए बड़ी कामयाबी NIA द्वारा साजिद जट्ट जैसे बड़े आतंकी को नामजद करना और चार्जशीट दाखिल करना भारत की 'जीरो टॉलरेंस' नीति का हिस्सा है। इससे यह संदेश साफ जाता है कि आतंकी चाहे सीमा पार क्यों बैठे हों, भारतीय कानून के हाथ उन तक पहुंच ही जाएंगे। पहलगाम जैसी जगह पर हमला करके आतंकी पर्यटन को नुकसान पहुंचाना चाहते थे, लेकिन सुरक्षा बलों की मुस्तैदी और NIA की तेज जांच ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया है। स्थानीय मददगारों की गिरफ्तारी से घाटी में सक्रिय आतंकियों के 'ओवर ग्राउंड वर्कर्स' (OGW) नेटवर्क को भी बड़ा झटका लगा है।

निष्कर्ष NIA की यह चार्जशीट सिर्फ कानूनी दस्तावेजों का पुलिंदा नहीं है, बल्कि यह पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत की मजबूत इच्छाशक्ति का प्रमाण है। साजिद जट्ट जैसे कमांडरों का नाम सामने आने से यह साफ हो गया है कि कश्मीर में अशांति फैलाने की हर साजिश की डोर रावलपिंडी और इस्लामाबाद से जुड़ी है। आने वाले दिनों में भारतीय एजेंसियां साजिद जट्ट के खिलाफ इंटरपोल और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी घेराबंदी कर सकती हैं, ताकि उसे कानून के कटघरे में खड़ा किया जा सके।

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डिस्क्लेमर: इस पोस्ट में इस्तेमाल की गई सभी तस्वीरें AI (Artificial Intelligence) द्वारा बनाई गई हैं और केवल प्रतीकात्मक (Representational) उद्देश्य के लिए हैं।